पद्म विभूषण रतन टाटा नहीं रहे:बारिश में भीगते परिवार को देखकर सबसे सस्ती कार बनाई, फोर्ड से लिया था अपमान का बदला
टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा का गुरुवार को मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 86 वर्ष के थे। दो दिन पहले मीडिया में उनके बीमार होने की खबर आई थी, हालांकि उन्होंने एक पोस्ट में कहा था कि वह ठीक है और चिंता की कोई बात नहीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- रतन टाटा जी एक दूरदर्शी बिजनेस लीडर और एक असाधारण इंसान थे। उन्होंने भारत के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित व्यापारिक घरानों में से एक को स्थिर नेतृत्व प्रदान किया। साथ ही, उनका योगदान बोर्डरूम से कहीं आगे तक गया। पर्सनल प्रोफाइल: 2012 में चेयरमैन पद छोड़ा था, एअर इंडिया खरीदी 28 दिसंबर 1937 को जन्मे रतन टाटा टाटा ग्रुप के संस्थापक जमशेदजी टाटा के परपोते थे। वह 1990 से 2012 तक ग्रुप के चेयरमैन रहे और अक्टूबर 2016 से फरवरी 2017 तक इंटरिम चेयरमैन के तौर पर जिम्मेदारी संभाली। 2017 से अब तक वे टाटा ग्रुप के चैरिटेबल ट्रस्ट्स के प्रमुख थे। रतन टाटा ने अपनी विरासत को एक नए मुकाम पर पहुंचाया है। उन्होंने एअर इंडिया को अपने एंपायर में शामिल किया। विदेशी कंपनी फोर्ड के लग्जरी कार ब्रांड लैंडरोवर और जगुआर को भी अपने पोर्टफोलियो में जोड़ा। रतन टाटा बुक लवर थे। उन्हें लोगों की सक्सेस स्टोरीज पढ़ना बहुत पसंद थी। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि रिटायरमेंट के बाद अब वे अपने इस शौक को समय दे पा रहे हैं। रतन टाटा को बचपन से ही कम बातचीत पसंद थी। वे अपने सहयोगियों से भी केवल औपचारिक और बेहद जरूरी बात ही करते थे। इसके अलावा वे 60 और 70 के दशक का गाने सुनना पसंद करते थे। इंटरव्यू में उन्होंने कहा था 'मुझे बड़ी संतुष्टि होगी अगर मैं शास्त्रीय संगीत बजा पाऊं। मुझे शॉपेन पसंद है। सिम्फनी भी अच्छी लगती है। बिथोवन, चेकोस्की पसंद हैं। पर कहीं न कहीं मुझे लगता है कि काश मैं खुद इन्हें पियानो पर बजा सकूं।' कारों के बारे में पूछने पर टाटा ने बताया था कि मुझे कारों से बहुत लगाव है। उन्होंने कहा था 'मुझे पुरानी और नई दोनों तरह की कारों का शौक है। खासतौर पर उनकी स्टाइलिंग और उनके मैकेनिक्स के प्रति गहरा रुझान है। इसलिए मैं उन्हें खरीदता हूं, ताकि उन्हें पढ़ सकूं।' दिलचस्प किस्से: बारिश में भीगते परिवार को देखकर सबसे सस्ती कार बनाई रतन टाटा की 5 तस्वीरें: बचपन से लेकर इंडिका के लॉन्च तक 1868 में जमशेदजी टाटा ने की थी ग्रुप की स्थापना टाटा ग्रुप की स्थापना जमशेदजी टाटा ने 1868 में की थी। यह भारत की सबसे बड़ी मल्टीनेशनल कंपनी है, 10 अलग-अलग बिजनेस में इसकी 30 कंपनियां दुनिया की 100 से ज्यादा देशों में कारोबार करती है। टाटा संस टाटा कंपनियों की प्रींसिपल इन्वेस्टमेंट होल्डिंग और प्रमोटर है। टाटा संस की 66% इक्विटी शेयर कैपिटल उससे चैरिटेबल ट्रस्ट के पास हैं, जो एजुकेशन, हेल्थ, आर्ट एंड कल्चर और लाइवलीहुड जनरेशन के लिए काम करता है। वित्त वर्ष 2023-24 में टाटा ग्रुप की सभी कंपनियों का टोटल रेवेन्यू 165 बिलियन डॉलर (13.86 लाख करोड़ रुपए) रहा था। ग्रुप के मुताबिक, यह 10 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार देती है।
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