टेलीग्राम के CEO पावेल डुरोव फ्रांस में गिरफ्तार:क्रिमिनल कंटेंट रोकने में नाकाम होने का आरोप, कभी आतंकवादियों की पहली पसंद था ऐप

इंस्टेंट मैसेजिंग और कम्युनिटी ऐप टेलीग्राम के फाउंडर और CEO पावेल डुरोव को शनिवार की शाम पेरिस के बाहर बॉर्गेट एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया है। फ्रांस की मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डुरोव अपने प्राइवेट जेट से फ्रांस पहुंचे थे। टेलीग्राम पर कंटेट मॉडरेटर की कमी पर फ्रांस पुलिस जांच कर रही है। पुलिस के अनुसार, मॉडरेटर की कमी की वजह से मैसेजिंग ऐप पर क्रिमिनल्स एक्टिविटीज को बेरोकटोक जारी रखने की परमिशन मिली। इसी मामले में CEO डुरोव पर एक्शन लिया गया है। फिलहाल टेलीग्राम की ओर से मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। फ्रांस के गृह मंत्रालय या पुलिस ने भी कोई बयान जारी नहीं किया है। रूस के विदेश मंत्रालय ने सवाल किया है कि क्या पश्चिमी NGO (नॉन-गवर्नमेंटल ऑर्गनाइजेशन) डुरोव की रिहाई की मांग करेंगे। 2013 में लॉन्च हुआ था ऐप 2013 में लॉन्च हुए टेलीग्राम को दुनिया भर में 100 करोड़ से ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका है। भारत, इंडोनेशिया और रूस में सबसे ज्यादा टेलीग्राम इंस्टॉल हुए हैं। 2022 में रूस से जंग छिड़ने के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने देश को संबोधित करने के लिए टेलीग्राम पर भरोसा किया था। ISIS जैसे आतंकवादी संगठनों के लिए भी टेलीग्राम पहली पसंद रहा है। दो भाइयों ने शुरू की थी कंपनी रूस के रहने वाले दो भाई पावेल दुरोव और निकोलाई दुरोव ने 2013 में टेलीग्राम शुरू किया। पहले iOS और फिर एंड्रॉयड के लिए लॉन्च किया। इसे लॉन्च करने के पीछे उनका मुख्य उद्देश्य था, दुनिया को एक सुरक्षित और भरोसेमंद मैसेजिंग ऐप देना। इसके लिए उन्हें अपना देश तक छोड़ना पड़ा। टेलीग्राम से पहले एक कंपनी जिसे छोड़ना पड़ा बात 2006 की है। सेंट पीटर्सबर्ग स्टेट यूनिवर्सिटी से निकले पावेल दुरोव ने एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म डिजाइन किया। जिसका नाम VKontakte रखा गया। इसे VK नाम से भी जाना जाता है। रूसी भाषा में इसका मतलब है 'इन-टच'। मूल रूप से यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स के लिए बनाया गया यह प्लेटफॉर्म आम जनता के बीच में भी पॉपुलर हो गया। जिसके बाद पावेल के बड़े भाई निकोलाई दुरोव मुख्य तकनीकी अधिकारी के रूप में कंपनी से जुड़ गए। दिसंबर 2011 में रूस में संसदीय चुनाव के रिजल्ट घोषित हुए। सुरक्षा एजेंसी का मानना था कि प्रोटेस्टर्स कोऑर्डिनेट करने के लिए VK साइट का इस्तेमाल कर रहे हैं। मौजूदा सरकार और सुरक्षा एजेंसी ने कंपनी को अपोजीशन के नेताओं के पेज हटाने को कहा, लेकिन पावेल ने ऐसा करने से मना कर दिया। उन्होंने एक डॉग की तस्वीर ट्वीट करते हुए जवाब दिया था। इसी बीच VK को Mail.ru कंपनी पूरी तरह खरीदना चाहती थी। 2013 में एक वीडियो वायरल हुआ। जिसमें दावा किया गया कि पावेल अपनी मर्सिडीज से एक पुलिस अधिकारी के पैर को कुचल कर घटनास्थल से भाग गए। हालांकि पावेल ने सफाई देते हुए कहा कि गाड़ी वह नहीं चला रहे थे। कुछ ही समय बाद बाद पुलिस ने पावेल के घर और VK के ऑफिस पर छापा मारा। कुछ दिनों बाद यूनाइटेड कैपिटल पार्टनर्स ने VK की 48% इक्विटी खरीद ली। जनवरी 2014 में पावेल ने अपना बचा हुआ 12% शेयर Mail.ru को दिया और सीईओ के पद से इस्तीफे के बाद रूस छोड़ दिया। रूस छोड़ने के बाद उन्होंने शुगर इंडस्ट्री डायवर्सिफिकेशन फाउंडेशन को $250,000 का दान देकर सेंट किट्स और नेविस की नागरिकता ली। इसी के साथ स्विस बैंकों में $300 मिलियन नकद जमा किए। जासूसी से बचने के लिए हुई टेलीग्राम की शुरुआत VK कंपनी में चल रहे विवाद के दौरान ही पावेल ने टेलीग्राम तैयार कर लिया था। इसकी शुरुआत एक एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग सिस्टम के रूप में हुई थी। इसकी स्थापना इसलिए की गई थी ताकि रूसी सुरक्षा एजेंसी की जासूसी के बिना वे आपस में बात कर सकें। टेलीग्राम 14 अगस्त 2013 को iOS और 20 अक्टूबर 2013 को एंड्रॉयड के लिए लॉन्च किया गया। इसके लिए फंड और इन्फ्रास्ट्रक्चर पावेल ने दिया था। पिछली कंपनी के शेयर बेचने पर जो पैसे मिले थे, सब कुछ टेलीग्राम में लगा दिया। उनके भाई निकोलाई ने कोडिंग पर ध्यान दिया। अक्टूबर 2013 तक ऐप पर 1 लाख डेली एक्टिव यूजर हो गए। मार्च 2014 तक टेलीग्राम पर 3.5 करोड़ मंथली और 1.5 करोड़ डेली एक्टिव यूजर हो गए। 2016 तक ऐप पर हर दिन 1500 करोड़ मैसेज का फ्लो होने लगा। कई मीडिया रिपोर्ट्स में जिक्र है कि रूस से निकलने के बाद शुरुआती कुछ साल में पावेल ने अपने 15 एम्प्लॉई के साथ कई देशों में सफर किया। जिसके बाद 2017 में दुबई में अपना हेडक्वार्टर स्थापित किया। लिंक्डइन पर टेलीग्राम के ऑफिशियल पेज के मुताबिक कंपनी में आज भी 50 से कम एम्प्लॉइज है।​​​​​​ आतंकवादियों का पसंदीदा ऐप मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 2015 के पेरिस हमलों के लिए ISIS के सदस्यों ने प्रचार-प्रसार के लिए टेलीग्राम का इस्तेमाल किया था। इस पर पूछे गए सवाल के जवाब में पावेल ने कहा था कि 'मुझे लगता है कि गोपनीयता का अधिकार, आतंकवाद जैसी बुरी घटनाओं के प्रति हमारे भय से अधिक महत्वपूर्ण है।' अक्टूबर 2015 तक ISIS के चैनल पर 9 हजार तक फॉलोअर्स हो गए थे। नवंबर 2015 में टेलीग्राम ने आईएसआईएस के प्रचार प्रसार के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले 78 सार्वजनिक चैनलों को ब्लॉक कर दिया था। टेलीग्राम और वॉट्सऐप के बीच वॉर जनवरी 2021 में वॉट्सऐप ने प्राइवेसी पॉलिसी में बड़ा बदलाव करते हुए यूजर से डेटा को अपनी पेरेंट कंपनी फेसबुक के साथ शेयर करने की परमिशन मांगी। जिसके बाद प्राइवेसी को लेकर बहस छिड़ गई। जिसका फायदा टेलीग्राम को मिला। अगस्त 2021 तक टेलीग्राम के दुनियाभर में 100 करोड़ डाउनलोड हो गए। जून 2022 में टेलीग्राम ने 70 करोड़ मंथली यूजर के आंकड़े को पार किया। जुलाई 2023 से टेलीग्राम रूस में सबसे पॉपुलर मैसेजिंग ऐप है। दिसंबर 2023 तक रूस में टेलीग्राम का 46.8% मार्केट शेयर था। प्रॉफिट नहीं बनाने के बावजूद सर्विस जारी कंपनी की लॉन्चिंग के लगभग 7 साल बाद यानी 2020 तक कंपनी कुछ भी प्रॉफिट नहीं बना पा रही थी। इसके बावजूद कंपनी ने अपनी सर्विस में कमी नहीं आने दी। कंपनी ने 2022 में प्रीमियम सब्सक्रिप्शन सर्विस लॉन्च की। एक महीने के अंदर 1 लाख से ज्यादा लोगों ने प्रीमियम सब्सक्रिप्शन ले लिया। इसके बाद से कंपनी के रेवेन्यू में तेजी आई। कंपनी के फाउंडर पावेल ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि अगले साल तक टेलीग्राम प्रॉफिटेबल हो जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि कुछ कंपनियों ने टेलीग्राम को खरीदने के लिए 25 हजार करोड़ रुपए तक का वैल्यूएशन लगाया था, लेकिन उन्होंने कंपनी बेचने से इनकार कर दिया। कंपनी का मौजूदा रेवेन्यू लगभग 600 करोड़ रुपए है।

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