अमेरिका में एपल के खिलाफ आईफोन मोनोपॉली को लेकर मुकदमा:कंपनी बोली- तथ्यों और कानून के आधार पर यह गलत, इसको हम डिफेंड करेंगे

अमेरिकी न्याय विभाग (US डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस) ने गुरुवार को टेक कंपनी एपल पर मुकदमा दायर किया है। उसमें आईफोन मैन्युफैक्चरर पर अत्यधिक लागत के जरिए स्मार्टफोन मार्केट में अवैध रूप से एकाधिकार (मोनोपॉली) जमाने और कॉम्पिटिशन को कम करने का आरोप लगाया गया है। डिपार्टमेंट ने आरोप लगाया कि एपल अपनी मार्केट पावर का इस्तेमाल कंज्यूमर्स, डेवलपर्स, कंटेंट क्रिएटर, आर्टिस्ट, पब्लिशर्स, स्मॉल बिजनेस और मर्चेंट्स से ज्यादा पैसा कमाने के लिए करता है। डिपार्टमेंट का यह भी आरोप है कि एपल के जरिए अपनाई गई नीतियों से कंज्यूमर्स और एपल की कुछ सर्विस के साथ कॉम्पिटिशन करने वाली छोटी कंपनियों को नुकसान पहुंच रही है। एपल पर सुपर ऐप्स क्रिएशन को रोकने का भी आरोप मुकदमे में एपल पर सुपर ऐप्स के क्रिएशन को रोकने का भी आरोप लगाया गया है। मेटा जैसी अन्य टेक्नोलॉजी कंपनियां लंबे समय से आईफोन पर ऐसे सुपर-ऐप्स लॉन्च करना चाहती है। एपल ने कहा- तथ्यों और कानून के आधार पर यह मुकदमा गलत अमेरिकी अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड ने कहा,'कंज्यूमर्स को इसलिए अधिक कीमत नहीं चुकानी चाहिए क्योंकि कंपनियाँ एंटीट्रस्ट कानूनों का उल्लंघन करती हैं। यदि इसे चुनौती न दी गई, तो एपल अपने स्मार्टफोन एकाधिकार को मजबूत करना जारी रखेगा।' वहीं एपल ने कहा है कि यह मुकदमा,'तथ्यों और कानून के आधार पर गलत है, और हम इसको डिफेंड करेंगे। कंपनी ने एक बयान में कहा कि यदि यह मुकदमा सफल रहा तो इससे "एक खतरनाक मिसाल कायम होगी, जिससे सरकार को लोगों की टेक्नोलॉजी डिजाइन करने में सख्ती बरतने का अधिकार मिल जाएगा।' पिछले साल एपल ने अमेरिका में लेटेस्ट स्मार्टवॉच की बिक्री रोकी थी पिछले साल दिसंबर में एपल ने लेटेस्ट वॉच सीरीज 9 और वॉच अल्ट्रा 2 की बिक्री पर रोक लगाई थी। कंपनी ने ये फेसला इन स्मार्टवॉच में दिए गए ब्लड ऑक्सीजन फीचर के पेंटेट विवाद के कारण लिया था। हालांकि, बाद में US कोर्ट ऑफ अपील से कंपनी को राहत मिल गई थी।

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